किसानों की जमीन हड़पकर पूंजीपतियों को देना चाहती है भाजपा सरकार : श्रीपाल सिंह भाटी
सरकार ने मज़दूरों किसानों व मेहनतकश लोगों के ख़िलाफ़ अघोषित युद्ध छेड़ रखा है : भाटी
//09 अगस्त 2021//Palwal News//Sunder Kundu//
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किसानों की जमीन हड़पकर पूंजीपतियों को देना चाहती है भाजपा सरकार : श्रीपाल सिंह भाटी
पलवल : सरकार द्वारा लागू कृषि क़ानूनों को वापिस कराने तथा फसल की सरकारी ख़रीद की गारंटी की माँग, मज़दूर विरोधी चारों लेबर कोड रद्द कराने, सार्वजनिक क्षेत्र व सरकारी विभागों के निजीकरण पर रोक लगाने, स्कीम वर्कर, कच्चे, ठेका व आउटशोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों को पक्का कराने की माँग को लेकर सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा, सीआइटीयू व रिटायर्ड कर्मचारी संघ के संयुक्त आह्वान पर सैंकडों कार्यकर्ताओं ने गुर्जर धर्मशाला में इकट्ठे होकर भारत बचाओ दिवस मनाया गया। धर्मचन्द द्वारा संचालित कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीपालसिंह भाटी, सोहनपाल चौहान, बीरसिंह व बीधूसिंह ने संयुक्त रूप से की। कार्यक्रम में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने बिजली संशोधन बिल 2021 के ख़िलाफ़ बिजली कर्मचारियों व इंजीनियर्स की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया। भारत बचाओ दिवस में उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के ज़िला प्रधान धर्मचन्द व सीआइटीयू के नेता श्रीपालसिंह भाटी ने कहा कि भाजपा सरकार ने मज़दूरों, किसानों व मेहनतकश अवाम के ख़िलाफ़ अघोषित युद्ध छेड़ रखा है। खेती-किसानी को बर्बाद करने वाले तीन काले क़ानूनों के ख़िलाफ़ आठ महीने से अधिक समय तक किसान सड़कों पर बैठे हैं। किसानों की ज़मीन को अंबानी व अड़ानी जैसे कोर्पोरेट को देने की तिकडमें चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में करोड़ों लोगों का रोज़गार चला गया तथा 97 प्रतिशत लोगों की आमदनी घट गई।
इसी बीच भाजपा सरकार ने महामारी के अवसर को भुनाते हुए 44 श्रम क़ानूनों को 4 लेबर कोड में बदलकर मज़दूरों व कर्मचारियों को पूँजीपतियों व मालिकों के ग़ुलाम बनाने का पक्का प्रबंध कर दिया है। देश में रोज़गार के हालात पहले से ही ख़राब चल रहे हैं। महिलाओं के रोज़गार पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़े हैं। लेकिन जनता को राहत देने की बजाय भाजपा द्वारा देश के संशाधनों को पूँजीपतियों के हवाले किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने जनता को राहत देने की बजाय तेल पर टैक्स लगाकर आम जनता की जेब से हज़ारों करोड़ रुपए लूट लिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को इस लुटेरी सत्ता के ख़िलाफ़ एकजुट होकर खड़े होने का आह्वान किया ताकि बड़े पूँजीपतियों व कोर्पोरेट के मुनाफ़ों के लिए काम करने वाली इस व्यवस्था व सरकार की नीतियों पर रोक लगवाई जा सके। गुर्जर धर्मशाला से भारी संख्या में महिला और पुरुष गगनभेदी नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय पर गये और ज्ञापन सौंपा। अंत में नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि परियोजना कर्मियों का चौकीदारों का समय पर वेतन का भुगतान नहीं होगा तो सितंबर से बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
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